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Showing posts from July, 2023

श्री दुर्गा कवच का पाठ || devi kawach hindi lyrics

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श्री दुर्गा कवच का पाठ  लिरिक्स हिन्दी (devi kawach Lyrics) यहाँ – श्री दुर्गा कवच, का पाठ devi kavach hindi Lyrics, दिया गया है-  ॥ अथ श्री देव्याः कवचम् ॥ ॐ अस्य श्रीचण्डीकवचस्यब्रह्मा ऋषिः अनुष्टुप् छन्दः, चामुण्डा देवता, अङ्गन्यासोक्तमातरो बीजम्,दिग्बन्धदेवतास्तत्त्वम्, श्रीजगदम्बाप्रीत्यर्थे सप्तशतीपाठाङ्गत्वेनजपे विनियोगः। ॐ नमश्‍चण्डिकायै॥  मार्कण्डेय उवाच ॐ यद्‌गुह्यं परमं लोकेसर्वरक्षाकरं नृणाम्। यन्न कस्यचिदाख्यातंतन्मे ब्रूहि पितामह॥1॥ ब्रह्मोवाच अस्ति गुह्यतमं विप्र सर्वभूतोपकारकम्। देव्यास्तु कवचं पुण्यं तच्छृणुष्व महामुने॥2॥ प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी। तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ॥3॥ पञ्चमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च। सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्॥4॥ नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः। उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना॥5॥ अग्निना दह्यमानस्तु शत्रुमध्ये गतो रणे। विषमे दुर्गमे चैव...

रुद्राष्टकम(Shri Rudrastakam in Sanskrit) nmamisamisan nirwan rupam hindi and english lyrics

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    रुद्राष्टकम Shri Rudrastakam in Sanskrit, रुद्राष्टकम(Rudrastakam), नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्॥ रामचरित मानस का अंश है जिसे तुलसीदासजी ने भगवान शिव की स्तुती में लिखा था। भगवान भोलेनाथ को यह स्तुती अत्यंत प्रिय जो भी भक्त श्रद्धा भाव से यह स्तुती गाता उस पर शिवजी बड़े प्रसन्न होते है। रुद्राष्टकम(Rudrastakam), nmamisamisan nirwan rupam hindi , and english lyrics नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।  निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥   निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् । करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥   तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् । स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥   चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण...

शिव तांडव स्तोत्र सरल भाषा में prerna shrot | Shiv Tandav Stotram Lyric

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  शिव तांडव स्तोत्र  | Shiv Tandav Support krne ke liye ek click ads pe bhi kre please ❤️   STOTRAM LYRIC ૐ शिव तांडव स्तोत्रम् , के बोल किसने लिखे? ૐ शिव तांडव स्तोत्र  भगवान शिव की स्तुति में रावण द्वारा लिखा और गाया गया एक भजन है।  शिव  तांडव स्तोत्रम  भगवान शिव के लौकिक नृत्य का प्रतिनिधित्व करता है जो सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को समाप्त करता है।  इस भजन में 15 छंद शामिल हैं और प्रत्येक छंद में निर्भय शिव और उनकी शाश्वत सुंदरता का विस्तार से वर्णन किया गया है। शिव तांडव स्तोत्र, के क्या लाभ हैं? शिव तांडव स्तोत्र  के असंख्य लाभ हैं  ।  शिव तांडव स्तोत्र का  जाप करने या सुनने से  व्यक्ति को अपार शक्ति, सौंदर्य और मानसिक शक्ति मिलती है।  ऐसा कहा जाता है कि  स्तोत्र का  जाप करने से सभी नकारात्म...