jagat main koi na permanent
जगत में कोई ना परमानेंट,
jagat mein koi na permanent
Rajan ji Maharaj Bhajan lyrics:-
जगत में कोई ना परमानेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
तेल चमेली चन्दन साबुन,
चाहे लगालो सेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
तेल चमेली चन्दन साबुन,
चाहे लगालो सेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
आवागमन लगी दुनियाँ में,
जगत है रेस्टोरेंट,
रे प्यारे जगत है रेस्टोरेंट,
अंत समय में उड़ जायेंगे,
तेरे तम्बू टेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
हरिद्वार चाहे मथुरा काशी,
घुमो दिल्ली केंट,
रे प्यारे घूमों दिल्ली केंट,
मन में नाम प्रभुः का राखो,
चाहे धोती पहनो या पेण्ट,
मन में नाम प्रभुः का राखो,
चाहे धोती पहनो या पेण्ट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
मन में नाम गुरु का राखो,
चाहे धोती पहनो या पेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
राष्ट्रपति या जर्नल कर्नल
चाहे हो लेफ्टिनेंट,
ये काल सभी को जाएगा,
लेडीज हो या जेन्ट्स,
जगत में कोई ना परमानेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
साधू संत की संगत कर लो,
ये सच्ची गवरमेंट,
रे प्यारे ये सच्ची गवरमेंट,
लाल सिंह कहे इस दफ्तर
मत होना अबसेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
तेल चमेली चन्दन साबुन,
चाहे लगालो सेंट,
जगत में कोई ना परमानेंट,
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