hamare sath shri raghunath lyrics
Hamare sath shri raghunath lyrics
hamare sath shri raghunath lyrics हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
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bhajan:-
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ।
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
शरण में रख दिया जब माथ तो,
किस बात की चिंता ।
शरण में रख दिया जब माथ तो,
किस बात की चिंता ॥
किया करते हो तुम दिन रात क्यों,
बिन बात की चिंता ।
किया करते हो तुम दिन रात क्यों,
बिन बात की चिंता ।
किया करते हो तुम दिन रात क्यों,
बिन बात की चिंता ॥
तेरे स्वामी...
तेरे स्वामी को रहती है,
तेरी हर बात की चिंता ।
तेरे स्वामी को रहती है,
तेरी हर बात की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
ना खाने की ना पीने की,
ना मरने की ना जीने की ।
ना खाने की ना पीने की,
ना मरने की ना जीने की ॥
ना खाने की ना पीने की,
ना मरने की ना जीने की ।
ना खाने की ना पीने की,
ना मरने की ना जीने की ॥
रहे हर स्वास पर भगवान के,
प्रिय नाम की चिंता ।
रहे हर स्वास पर भगवान के,
प्रिय नाम की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ।
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
विभिषण को अभय वर दे किया,
लंकेश पल भर में ।
विभिषण को अभय वर दे किया,
लंकेश पल भर में ॥
विभिषण को अभय वर दे किया,
लंकेश पल भर में ।
विभिषण को अभय वर दे किया,
लंकेश पल भर में ॥
उन्ही का...
उन्ही का कर रहे गुणगान तो,
किस बात की चिंता ।
उन्ही का कर रहे गुणगान तो,
किस बात की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
हुई ब्रजेश पर किरपा,
बनाया दास प्रभु अपना ।
हुई ब्रजेश पर किरपा,
बनाया दास प्रभु अपना ॥
हुई ब्रजेश पर किरपा,
बनाया दास प्रभु अपना ।
हुई ब्रजेश पर किरपा,
बनाया दास प्रभु अपना ॥
उन्ही के हाथ में अब हाथ तो,
किस बात की चिंता ।
उन्ही के हाथ में अब हाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ।
शरण में रख दिया जब माथ तो,
किस बात की चिंता ॥
शरण में रख दिया जब माथ तो,
किस बात की चिंता...
किस बात की चिंता...
किस बात की चिंता...
किस बात की चिंता ।
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
शरण में रख दिया जब माथ तो,
किस बात की चिंता ।
शरण में रख दिया जब माथ तो,
किस बात की चिंता ॥
किया करते हो तुम दिन रात क्यों,
बिन बात की चिंता ।
किया करते हो तुम दिन रात क्यों,
बिन बात की चिंता ।
किया करते हो तुम दिन रात क्यों,
बिन बात की चिंता ॥
तेरे स्वामी...
तेरे स्वामी को रहती है,
तेरी हर बात की चिंता ।
तेरे स्वामी को रहती है,
तेरी हर बात की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
ना खाने की ना पीने की,
ना मरने की ना जीने की ।
ना खाने की ना पीने की,
ना मरने की ना जीने की ॥
ना खाने की ना पीने की,
ना मरने की ना जीने की ।
ना खाने की ना पीने की,
ना मरने की ना जीने की ॥
रहे हर स्वास पर भगवान के,
प्रिय नाम की चिंता ।
रहे हर स्वास पर भगवान के,
प्रिय नाम की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ।
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
विभिषण को अभय वर दे किया,
लंकेश पल भर में ।
विभिषण को अभय वर दे किया,
लंकेश पल भर में ॥
विभिषण को अभय वर दे किया,
लंकेश पल भर में ।
विभिषण को अभय वर दे किया,
लंकेश पल भर में ॥
उन्ही का...
उन्ही का कर रहे गुणगान तो,
किस बात की चिंता ।
उन्ही का कर रहे गुणगान तो,
किस बात की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
हुई ब्रजेश पर किरपा,
बनाया दास प्रभु अपना ।
हुई ब्रजेश पर किरपा,
बनाया दास प्रभु अपना ॥
हुई ब्रजेश पर किरपा,
बनाया दास प्रभु अपना ।
हुई ब्रजेश पर किरपा,
बनाया दास प्रभु अपना ॥
उन्ही के हाथ में अब हाथ तो,
किस बात की चिंता ।
उन्ही के हाथ में अब हाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ॥
हमारें साथ श्री रघुनाथ तो,
किस बात की चिंता ।
शरण में रख दिया जब माथ तो,
किस बात की चिंता ॥
शरण में रख दिया जब माथ तो,
किस बात की चिंता...
किस बात की चिंता...
किस बात की चिंता...
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