Hare krishna govind mohan murari lyrics
Hare krishna govind mohan murari
Hare krishna govind mohan murari lyrics हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे
राजन जी महाराज द्वारा गाया गया भजन
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जो किस्मत जगत की बनावे हैं सारे
तो क्यू ना चले हम उन्ही को पुकारे
यही मंत्र जपते हैं ऋषि सन्त सारे
यही मंत्र जपते हैं ऋषि सन्त सारे
हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे ....
नदी में हुईं ग्राह गज की लड़ाई
पुकारा था गज ने कन्हाई कन्हाई
तो ब्रज राज आ करके गज को उबारे
तो ब्रज राज आ करके गज को उबारे
गई आह जब रुकमिडी के दुआरे
हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे .. ।।
हैं प्रहलाद की जानते सब कहानी
उन्हें होलिका जब जलाने को ठानी
जली होलिका जब मुरारी पधारे
जली होलिका जब मुरारी पधारे
प्रहलाद जपते थे अग्नि किनारे
हरे कृष्ण गोविन्द मोहन मुरारे .. ।।
सुदामा थे निर्धन प्रभू के पुजारी
दसा देख कर रो दिए थे मुरारी
सब कुछ मिला उनको प्रभू के दुआरे
और यहीं मंत्र जप कर वो जीवन गुजारे
Hare krishna govind mohan murari .. ।।
कहा आज तक तू भटकता था राही
विनय तुम भी बन जाओ प्रभु का सिपाही
उबारेंगे राजन तो जो सबको उबारे
यहीं मंत्र जपना हैं रह कर सहारे
Hare krishna govind mohan murari .. ।।
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